सायरन के बाद: भिलाई स्टील प्लांट का कठोर सच

संवादगढ़ विशेष रिपोर्ट | भिलाई

भिलाई स्टील प्लांट के मजदूर खतरनाक परिस्थितियों में काम कर रहे हैं। स्थानीय सूत्रों के अनुसार, अपर्याप्त सुरक्षा उपकरण (PPE) और विषाक्त पदार्थों का खतरा आम है। पिछले वित्तीय वर्ष में 42 से अधिक चोटें दर्ज की गईं। फिर भी, मजदूरों की शिकायतें अनसुनी रहती हैं।

खतरनाक कार्यस्थल
प्लांट में सुरक्षा मानकों का पालन कमजोर है। मजदूरों ने बताया कि PPE अनियमित रूप से मिलता है, और धूल-धुआं फेफड़ों को नुकसान पहुंचा रहा है। 2018 का गैस रिसाव हादसा अभी भी याद है, लेकिन सुधार सीमित हैं।

प्रबंधन की चुप्पी
शिकायतें उसी प्रबंधन तक पहुंचती हैं जो बोनस तय करता है। क्या यह हितों का टकराव नहीं? मजदूर यूनियनों की आवाज दबाई जा रही है।

संवादगढ़ की मांग:

  • सुरक्षा ऑडिट और PPE का नियमित वितरण।
  • चोटों की स्वतंत्र जांच।
  • मजदूर यूनियनों को सुनने की नीति।

भिलाई के मजदूरों का जीवन दांव पर है। क्या उनकी आवाज सुनी जाएगी?

#SanvaadGarh #BhilaiWorkers #LabourRights

Be the first to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published.


*