जिस दिन जगदलपुर जला: विरोध, पुलिस, और जनता का गुस्सा

संवादगढ़ विशेष रिपोर्ट | जगदलपुर

जगदलपुर में भूमि अधिग्रहण के खिलाफ शांतिपूर्ण मार्च हिंसक हो गया जब पुलिस ने लाठीचार्ज किया। संवादगढ़ की जांच, स्थानीय वीडियो और प्रत्यक्षदर्शियों के बयानों पर आधारित, इस अराजकता को उजागर करती है। क्या यह विरोध अपहृत हुआ, या एक आंदोलन को कुचल दिया गया?

विरोध का सच
भूमि अधिग्रहण ने बस्तर के आदिवासियों को बेघर करने की धमकी दी है। मार्च में सैकड़ों लोग शामिल हुए, लेकिन पुलिस कार्रवाई ने इसे हिंसक बना दिया। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि शांतिपूर्ण नारे हिंसा में बदल गए जब पुलिस ने बल प्रयोग किया।

सवालों का जाल
क्या पुलिस का हस्तक्षेप उचित था, या यह सरकार और कॉर्पोरेट्स की मिलीभगत थी? स्थानीय नेताओं की चुप्पी सवाल उठाती है।

संवादगढ़ की मांग:

  • लाठीचार्ज की स्वतंत्र जांच।
  • भूमि अधिग्रहण पर पारदर्शी सुनवाई।
  • आदिवासी समुदायों की आवाज को सम्मान।

जगदलपुर का गुस्सा खत्म नहीं हुआ। क्या सच सामने आएगा?

#SanvaadGarh #JagdalpurProtest #LandRights

Be the first to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published.


*