
संवादगढ़ विशेष रिपोर्ट | रायपुर
रायपुर की सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) में चावल कागजों पर गायब हो रहा है, लेकिन भूखे पेट खाली रहते हैं। स्थानीय RTI प्रयासों ने वर्षों से चल रहे डायवर्शन नेटवर्क का खुलासा किया है। यह रैकेट कितना गहरा है, और इससे कौन लाभ उठा रहा है?
गरीबों का हक छीना
PDS के तहत गरीबों को सस्ता अनाज देने का वादा है, लेकिन दुकानों में स्टॉक खत्म होने की शिकायतें आम हैं। RTI से पता चला कि चावल खुले बाजार में बेचा जा रहा है, जिसमें स्थानीय अधिकारी और बिचौलिये शामिल हैं। 2015 के PDS घोटाले की गूंज अभी भी सुनाई देती है, लेकिन कार्रवाई नहीं।
जवाबदेही का अभाव
सरकारी तंत्र इस डायवर्शन को रोकने में नाकाम रहा है। क्या यह केवल लापरवाही है, या संगठित भ्रष्टाचार? गरीबों का हक छीनने वालों पर कार्रवाई कब होगी?
संवादगढ़ की मांग:
- PDS डायवर्शन की CAG जांच।
- राशन वितरण की डिजिटल निगरानी।
- भ्रष्ट अधिकारियों पर त्वरित कार्रवाई।
गरीबों का अनाज चुराना अपराध है। क्या न्याय मिलेगा?
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